पत्थर पिघल जाएँगे गर यकीं हो
इरादे में पक्की लगन चाहिए
लिखता यकीनन खुदा है ये किस्मत
बनाने में खुद की कसम चाहिए
चले जाएँगे हाँथ खाली यहाँ से
ये दुनिया तो चलती रहेगी सदा
रहे याद बाकि के कुछ दिन जहाँ में
वाजिब है है ऐसी वजह चाहिए
महल तुम बनालोगे हमको यकीं है
कितने हैं जिनको की घर चाहिए
रहेना है गर दीप मरके यहाँ पे
हजारों के घर में जगह में चाहिए
पत्थर पिघल जाएँगे गर यकीं हो
इरादे में पक्की लगन चाहिए ..
kya bat haiiiiiiii
ReplyDeletesach me kya baat hai....
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