Sunday, February 13, 2011

मिलती हो तुम बस ख्यालों में..

मोहब्बत की होटों पे सुर्खी चढ़ाके
पलकों पे काजल शरम का लगाके
माथे पे चंदा की बिंदिया सजाके
मिलती हो तुम बस ख्यालों में आके

हर रोज़ दिल में सजाते हैं तुमको
और भी खूबसूरत बनाते हैं तुमको
तस्वीर दिल में में जो देखोगी अपनी
रह न सकोगी कहीं और जाके

उम्मीद में रात कितनी बिताएं
सवेरा कोई तो तुम्हे लेके आये
ख्वाइश मेरी "दीप" कहती है हमसे
जी भर के देखें तुमको बिठाके

हमें इस कदर यूँ दीवाना बनाके
क्यों मिलती हो तुम बस ख्यालों में आके..

3 comments:

  1. KamaaL ka likha haii ..........bahut khoob!!

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  2. क्या बात है, बहुत सुंदर

    उम्मीद में रात कितनी बिताएं
    सवेरा कोई तो तुम्हे लेके आये

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