आज की शीला की कहानी
नयी अदा में बात पुरानी
घबराना कैसा फिर यारों
जब इंग्लिश पढने की ठानी
तेज़ जमाना जल्दी पाना
ठुमका तो मारेगी रानी
नज़र झुकाए खड़ी रही तो
वक़्त कहाँ जो देखे जानी
कहना उसका बुरा नहीं है
सोंच समझकर हमने मानी
जहाँ सभी हो पीनेवाले
कहाँ बिकेगा लाज का पानी