गुजर के हमको सिखा गया जो
गए बरस को सलाम यारों
नया जो आएगा साल अबके
करेगा पूरी मुराद यारों
दिलों की हालत छिपी नहीं है
हरेक दिल में हजारों ख्वाइश
लगे रहो बस लगन से पूरी
मिलेगी मंजिल, जुबान यारों
यही तो जीना है ज़िन्दगी का
ख्याल बन पाए जब हकीकत
नहीं मिला इस दफा तो क्या गम
कभी मिलेगा मुकाम यारों
गुजर के हमको सिखा गया जो
गए बरस को सलाम यारों ...