Wednesday, April 28, 2010

हकीक़त

याद आती है जिनकी वो नाम नहीं लेते
जान जाती है जिनकी आराम नहीं देते
ये दिल की लगी कुछ ऐसी है यारों
सब्र हौसला हिम्मत कुछ काम नहीं देते

अहसास

मोहब्बत में अब तो मज़ा आ रहा है
ख्याल अब हकीकत हुआ जा रहा है
रस्ते में जिसकी झलक देखते थे
वो चलकर हमारी तरफ आ रहा है

Saturday, April 24, 2010

तू जो कहे ...

तू जो कहे तो सुबह को शाम करदूं
तेरे हंसी के लिए रोने का काम करलू
इतना असर है तेरी सक्शियत का मुझ पर
तेरी ख़ुशी के लिए ज़ा भी कुर्बान करदूं

Thursday, April 1, 2010

आज फिर..

आज फिर

आज फिर दिल ने तेरा नाम लिया
आज भी हमने तुझे याद किया
यूँ तो रहती है हरदम साथ मेरे
छूके ख्वावों में बस इजहार किया


इरादा है...

अब दिल में रहने का इरादा है मेरा
आँखों में आसू जमा नहीं होते
याद आये तो बह जाते हैं हम
दिल में रहने वाले जुदा नहीं होते